"" "" पति "" एक औरत के माथे का सिंदूर या
सिर का ताज या फिर अनकहा सांस्कारिक बोझ ""
"" विपरीत लैंगिक वयस्कों के बीच अंतरंग पलों की वचनबद्धता या बन्धनयुक्त जीवन शैली ही दाम्पत्य जीवन है। ""
"" गृहस्थ जीवन में बालिगों के प्रेम पूर्वक आलिंगन की संकल्पना ही दाम्पत्य जीवन कहलाता है। "
"" वैसे औरत को घर की लक्ष्मी, दुर्गा माँ तो कभी अन्नपूर्णा भी कहा जाता है। ""
परन्तु आज भी समाज में पुरूष प्रधानता चरम व स्त्रियों की दशा अत्यंत दयनीय कई कारणों से बनी हुई है।
★ कन्या भ्रूण हत्या , बलात्कार, दहेजप्रथा के चरम पर होने के उपरांत भी सख्त कानून का निष्प्रभावी व असरदार न होना।
★ स्त्रियों को शिक्षा, नोकरी व्यवस्था में भेदभाव बना रहना।
★महिलाओं के स्वावलंबन का अधिकार पर पारिवारिक व सामाजिक माहौल का उदासीन बने रहना।
★ तलाकशुदा / विधवा को हिकारत व हेय दृष्टि से देखा जाना।
★ एकल परिवार व्यवस्था की सामाजिक अस्वीकार्यता यानि बच्चों के अभिभावकों में पिता के नाम की अनिवार्यता।
★ स्त्री द्वारा जीवन साथी के त्याग / तलाक को सामाजिक मान्यता का अभाव ।
★ उम्र के किसी भी पड़ाव में जीवन साथी से मुकि के मार्ग का अवरूद्ध होना।
★ वैवाहिक संबंधों में बलात्कार की पीड़ादायी क्रूरता को सामान्य घटना में भी दर्ज ना करना।
शेष..........................वीडियो सन्देश से इस सन्दर्भ की सरल,स्पष्ट व सुसंगत व्याख्या जल्दी ही प्रस्तुत करूँगा।
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामाजिक उत्पीड़न को व्यवहारिकता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
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