"" परिचय ""
"" स्वतः संज्ञान के साथ किसी को प्रत्यक्ष स्थिति में व्यक्तित्व से रूबरू करवाना ही परिचय है। "
*"" सार्वजनिक पहलू के संक्षिप्त विवरण का प्रस्तुतिकरण परिचय कहलाता है। ""*
*वैसे मानस के अंदाज में -*
वैसे "" प "" से पहचान जहां जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता में दर्ज हो,
वहाँ व्यक्तित्व को निखारने की जी तोड़ कोशिशें बनी रहती हैं;
"" र "" से रहन सहन जहां जीवन शैली का प्रमुख अंग बन जाये,
वहाँ उसे बनाये रखने में हर संभव प्रयास बने रहते हैं;
"" च "" से चाल चलन जहां दुनिया की नजरों में आ जाये,
वहाँ अपने आप को शालीन, व्यवहारिक व सभ्य बनाने की होड़ भी बनी रहती है,
"" य "" से यथासंभव जहां शक्ति को कार्य के प्रति समर्पित करने का जनून हो,
वहाँ परिणाम सदैव उत्साहवर्धक व सकारात्मक ही प्राप्त होते हैं।
""" वैसे पहचान जहां रहन सहन व चाल चलन से जुड़ी हो,
वहाँ यथासंभव अभिव्यक्ति किसी के सम्मुख रखी 【 अवगत करवाई 】 जाये तो वह परिचय ही हैं।
*"" अंतर्निहित व बाहृय गुणो के सारांश को सन्तुष्टिपूर्वक उल्लेख करना ही परिचय कहलाता है। ""*
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मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
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