"" कैसे ""
★★ आत्मचिंतन / कार्यकारण सिद्धांत के पंचतत्व में
अंतिम पड़ाव "" कैसे "" ही है। ★★
"" कार्य निष्पादन की सफलता लक्ष्य निर्धारण की रीति तय करती है जिसे हम कैसे से सम्बोधित करते हैं। ""
""" मंजिल हासिल करने के ढंग को ही कार्यकारण सिद्धांत में कैसे कहा जाता है। ""
"" जीत का स्वाद / जश्न आपका आचरण तय करता है जिसे हम कैसे की संज्ञा देते हैं। ""
वैसे मानस के अंदाज में -
"" क "" से कर्मक्षेत्र जहां अपने सपनों / मकसद को पूरा करने के लिए जीवन को ही मैदान बने,
वहाँ सपनों के साथ साथ अकल्पनीय घटित होना प्रकृति की नियति में शामिल हो जाता है ;
"" स "' से साध्यता जहां सिर्फ लक्ष्य को लेकर बनी हो,
वहाँ काम अधूरा रह जाना नामुमकिन ही नजर आता है। ;
"" वैसे कर्मक्षेत्र की साध्यता जहां सुनिश्चित हो वहाँ अपनाया गया तरीका ही कैसे को प्रतिनिधित्व करता है। ""
"" कैसे प्रश्न विधि /ढंग का प्रतिनिधित्व करता है। ""
पूरा पढ़ने के लिए लिंक -
https://www.facebook.com/manasjilay/
https://www.realisticthinker.com/
मानस जिले सिंह 【 यथार्थवादी विचारक】
"स" से साध्यता.....ही नजर आता है ।।
जवाब देंहटाएंशानदार लेखन एवं दूरदर्शिता यानि के लक्ष्य को साधने से सब सपने साकार।।।
👌👌✍️✍️