"" लिखना ""
"" व्यक्तिगत प्रदर्शन सिद्धांत के पंचतत्व में चतुर्थ पड़ाव "" लिखना "" है।
"" विचारों को अर्थपूर्ण उकेर कर व्यवहारिक रूप प्रदान करना ही तो लिखना है। "
"" भाव व सपनों को शब्दावली से रेखांकन से सारगर्भित दर्शाना ही तो लिखना कहलाता है। ""
"" ल "" से लयबद्ध जहां कार्य में होकर उसका निस्तारण हो,
वहाँ कार्य की कुशलता व गम्भीरता दोनों का परिचय देखने को मिलता है ;
"" ख "" से खबर 【 सूचना 】 जहां हर पल आपको सजग करती हो,
वहाँ नियमित रूप से अध्ययन करना आदत में शामिल होना लाजमी है ;
"" वैसे लयबद्ध जहां खबर 【 सूचना 】 हो वह लेख कहलाता है। ""
"" न "" से निरूपण जहां कार्य ही नहीं मानवीय व्यवहार में भी शामिल होने लगे,
वहाँ कार्य की गुणवत्ता ही नहीं कुशल नेतृत्व का उभरना भी अवश्यम्भावी है ;
"" वैसे लयबद्ध ख़बर 【 सूचना 】 का जहां निरूपण हो,
वहाँ वह लेखन कहलाता है। ""
"" वैसे लयबद्ध ख़बर 【 सूचना 】 का निस्तारण ही लिखना कहलाता है। ""
पूरा पढ़ने के लिए लिंक -
https://www.facebook.com/manasjilay/
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
शानदार लेखन
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