"" संयोगवश""
"" वह वेला जो आपके जीवन में बिना इजाजत के ही सुखद नवसंचार का मार्ग प्रशस्त करे उसे संयोगवश कहते हैं। ""
"" जीवन की वह घडी जो बिना पूर्व निर्धारित सफलता व उत्साह का रास्ता दिखलाये उसे संयोगवश कहते हैं। ""
मानस के अंदाज में -
"" स "' से सुखद जहां पाना जीवन का लक्ष्य हो,
वहाँ कर्मो को पसीने से गुजरना ही पड़ता है ;
"" न् "" से न्यायसंगत जहां व्यवहार करने या बनाने की इच्छा हो,
वहाँ सदैव दूसरों की भावनाओं का जरूर ध्यान।में रखा जाता है ;
"" य "" से योगदान जहां अपने से श्रेष्ठ बनने के लिये किया जाये,
वहाँ निश्चित ही मेहनत आग की भट में से गुजरती है ;
"" ग "" से गर्म जोशी जहां बात करने का आधार बने,
वहाँ जिंदगी में जोश का उफ़ान वक़्त के तकाज़ा देखकर ही आता है ;
"" व "" से वास्तविक जहां खुद के विचारों को रखने पर जोर दिया जाये,
वहाँ कार्यव्यवहार सदैव धरातलीय ही होता है ;
"" श "" से शालीनतापूर्वक जहां अपनी व दूसरों की बात को रखने का मौका मिले,
वहाँ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का अदब आ ही जाता है ;
"" वैसे सुखद व न्यायसंगत योगदान जहां गर्म जोशी / गर्माहट भर दे,
वहां वास्तविक व शालीनतापूर्वक व्यवहार को ही संयोग कहते हैं। ""
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Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
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