शुक्रवार, 7 जनवरी 2022

Definition of satisfaction / सन्तोष की परिभाषा

"" सन्तोष ""

"" आकांक्षित लक्ष्य व मेहनत के परिणाम पर सहमति बन जाना ही सन्तोष कहलाता है। ""

"" उम्मीद के अनुरूप सामंजस्य स्थापित करने की कवायद ही संतोष है। ""

वैसे "" स"" से सहजता जहां व जब भी महसूस की जाती है,
वहाँ नींव विश्वास व आदर की ही होती है;
"" न् "" से न्यौछावर जहां किसी विषय वस्तु को किया जाता है,
वहाँ दूसरे के दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ी जा सकती है;

"" त "" से तर्क जहां व्यवहारशीलता को बढ़ावा देता है,
वहाँ मोह व सम्बन्धों के महत्व थोड़े कम हो ही जाते हैं ,
"" ष "" से षड्यन्त्र रहित जहां कार्यव्यवहार अक्सर रहता है,
वहाँ रिश्तों में प्रगाढ़ता व कार्य की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है;

"" वैसे सहजता के साथ जहां न्यौछावर तर्क भी हो जाये,
वहाँ षड्यंत्र रहित व्यवहार द्वारा श्रेष्ठ अनुभूति ही संतोष कहलाता है। ""

सन्तोष भाव तन्मयता के साथ समर्पण करवाता है जो जीवन को सादगी व निष्कंटक जीने की राह तैयार करता है।

सन्तोष की अति दोनों तरफ की सोच को पैदा करती है।
यह अन्वेषण / नई खोज या प्रयोग की बाधक बनती है तो,
यह सकून , सन्तुष्टि व पर्याप्तता को जीवन से नगण्य भी कर देती है।

"" मानस "" सकारात्मक सोच से आगे बढ़ने की सलाह देता है और यह सामाजिकता के लिए आवश्यक भी है।

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मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य -  सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

3 टिप्‍पणियां:

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