"" मानना ""
"" व्यक्तिगत प्रदर्शन सिद्धांत के पंचतत्व में अंतिम पड़ाव "" मानना "" है।
"" आदर, सम्मान व समर्पण के प्रति श्रद्धा युक्त मौन ही मान कहलाता है। ""
"" गुण, श्रेष्ठता के प्रति न्यौछावर होना ही मान कहलाता है। ""
"" किसी विषय के सभी परिप्रेक्ष्य की गहनता से जांच परख के उपरांत स्वीकारोक्ति या आगे बढ़ने की प्रक्रिया ही मनन कहलाता है। "
"" किसी विषय या विचार के प्रति निष्ठापूर्वक अनुसरण करना ही मानना कहलाता है।""
वैसे मानस के अंदाज में -
"" म "" से मर्यादा जहां वार्तालाप का आधार बने,
वहाँ हाजिर जवाब होने के साथ साथ सलीके से बात करना आ ही जाता है ;
"" न "" से निःशब्द जहां रहने की शैली कभी कभी अपनाई जाये,
वहाँ हालातों पर तसल्लीबख्श अध्ययन के साथ व्यक्तित्व के विकास में भी निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है ;
"" न "" से नतमस्तक जहां अपने से अधिक गुणों / बड़ों को सम्मान देने हेतु प्रस्तुत हो,
वहाँ आदर, सद्भाव के साथ समर्पण भी देखने लायक होता है ;
"" वैसे मर्यादा के प्रति जहां निःशब्दता और उसके साथ नतमस्तक होना ही मानना कहलाता है। ""
पूरा पढ़ने के लिए लिंक -
https://www.facebook.com/manasjilay/
https://www.realisticthinker.com/
मानस जिले सिंह 【 यथार्थवादी विचारक】
"न" से नतमस्तक....... देखने लायक होता है ।
जवाब देंहटाएंशानदार, विचारणीय लेखन ।।
अतिसुंदर लेख ।।।