"" पढ़ना ""
"" व्यक्तिगत प्रदर्शन सिद्धांत के पंचतत्व में पहला पड़ाव "" पढ़ना "" है।
*"" किसी विषय विशेष के पक्ष विपक्ष का ढांचा पढ़ कहलाता है। ""*
*"" रूचि विशेष प्रसंग को गहनता से जानने, समझने व तार्किकता में निःशब्द बनाने को ही पढ़ना कहते हैं। ""*
वैसे मानस के अंदाज में -
"" प "" से पक्ष विपक्ष जहां प्रतियोगिता में सदैव बना रहता है,
वहाँ स्वस्थ मानसिकता का विकसित होना लाजमी है ;
"" ढ़ "" से ढांचा जहां बनाने की प्रक्रिया कार्य जगत में बनी रहती है,
वहाँ कार्यप्रणाली सुसंगत, वैज्ञानिक होनी लाज़मी है
"" न "" से निरुत्तर जहां हर चैलेंज / कठिनाई / बाधा को किया जाता है,
वहाँ योग्यता व साहस कूट कूट कर ही भरा रहता है ;
वैसे पक्ष विपक्ष का ढांचा जहां निरुत्तर स्वविवेक से हो वही तो पढ़ना कहलाता है। ""
पूरा पढ़ने के लिए -
https://www.facebook.com/manasjilay/
https://www.realisticthinker.com/
मानस जिले सिंह 【 यथार्थवादी विचारक】
श्रीयुत मानस जी,
जवाब देंहटाएंआपकी "विषय-वस्तु" पकड़ अच्छी है,
आप लेखन कार्य सराहनीय है।
👌👌✍️🤳💐
बहुत सुंदर रचना
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