"'' उपयोगिता ""
""जरूरत की साध्यता को परिलक्षित करती सेवाओं को उपयोगी कहा जाता है। ""
"" निज कल्याण की सार्थकता को पूरा करता उपचार उपयोगी ही तो है। ""
"" जिस वस्तु या विचार से आपको संबल मिले वही तो उपयोगी है। ""
वैसे मानस के अंदाज में -
"" उ "" से उच्च जहां जरूरत को ही रखा जाता हो,
वहाँ सिर्फ व्यवहारिकतायें ही निभाई जाती हैं ;
"" प "" से प्राथमिकता जहां कार्य की गुणवत्ता को दी जाती है,
वहाँ निश्चित ही कला व कलाकार की परख होती है ;
"" य "" से यथासंभव जहां मेहनत को पसीने से दर्शाया गया हो,
वहाँ परिणाम सदैव सुखद व उत्साहवर्धक रहते हैं ;
"" ग " से गटकना जहां गुस्सा आदतन शुमार होने लगे,
वहाँ धैर्य के साथ शालीनता व मधुरता आना लाज़मी है ;
"' वैसे उच्च प्राथमिकता जहां यथासम्भव गटकने यानि इस्तेमाल करने की हो,
वहाँ वह उपभोग भी उपयोग कहलाता है ;
"" ग "" से गौरवान्वित जहां कार्यशैली में आने को बेताब हो,
वहाँ सदैव कार्य निष्ठा व लगन से निभाये जाते हैं ;
"" वैसे उच्च प्राथमिकता जहां यथासंभव गौरवान्वित करे तो,
वहाँ वह साधारण जन मानस के लिये उपयोगी ही तो है। ""
"" त "' से तदबीर जहां कार्य की कुशलता बढ़ाने लगे,
वहाँ गहनता के साथ सोच समझकर काम करने की प्रवृत्ति विकसित होना अवश्यम्भावी है ;
"" वैसे उच्च प्राथमिकता जहां यथासंभव गौरवान्वित करने लगे, वहाँ तदबीर ही उपयोगिता को सिद्ध करती है। ""
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मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
"जिस वस्तु.......वहीं तो उपयोगी है"।।
जवाब देंहटाएंशानदार लेखन के लिए आप को शत्-शत् प्रणाम।