"" जन्मदिन ""
"" प्राणी द्वारा अपने अस्तित्व के शुभ अवसर की साक्षी घड़ी को जन्मदिन से ही जाना जाता है। ""
"" अपने वजूद के अहसास की मांगलिक वेला को विधिवत रूप से जन्मदिन कहा जाता है। ""
मानस के अंदाज में -
"" ज "" से जीवन निर्वहन जहां असूलों के साथ किया जाये,
वहाँ नित्य नये संस्कार गढ़े जाते हैं ;
"" न् "" से नीँव / नवस्थापना जहां नियमावली द्वारा मजबूती से रखी जाये,
वहाँ सृजनात्मक व रचनात्मक कार्यों की छड़ी लगी रहती है ;
"" म "" से मृत्युवरण / मरणांतक जहां सत्य के रास्ते पर चला जाये,
वहाँ जीवन दूसरों के लिए प्रेरणादायक ही बनता है ;
"" वैसे जीवन निर्वहन हेतु प्राणित्व के पदार्पण की नींव / नवस्थापना जहां मृत्युवरण / मरणांतक बनी रहे तो वहाँ वह जन्म ही कहलाता है। ""
"" जीवन का नश्वर जगत से परिचित होना ही जन्म कहलाता है ""
"" प्राणितव का सृष्टि के पंचतत्व से साक्षात्कार होना ही जन्म कहलाता है। ""
"" द "" से दस्तक जहां हर नये कार्य आरंभ से पहले उसकी गुणवत्ता व तार्किकता की कसौटी पर हो,
वहाँ परिणाम सदैव उत्साहवर्द्धक ही निकलते हैं ;
"" न "" से नव नक्षत्र / निश्चित कालखंड जहां कार्य संचालन की रूप रेखा को समर्पित हो,
वहाँ वैज्ञानिकता के रास्ते पर चलने की परिपाटी ही बनती है ;
"" वैसे दस्तक जहां नव नक्षत्र /निश्चित कालखंड में हो तो वहाँ शास्त्रीय गणना उसे दिन कहती है। ""
"" सूर्यादय से सूर्यास्त के बीच का समय काल दिन कहलाता है। ''
"" रोजमर्रा के कार्यकाल की विधिवत निर्धारण संज्ञा को दिन कहते हैं। ""
"" 24 घण्टे की समयावधि भी तो दिन ही कहलाती है। ""
""वैसे जीवन निर्वहन लक्ष्य नवस्थापना से मरणांतक का बन उसकी दस्तक जब निश्चित कालखंड में दर्ज हो तो उसे जन्मदिन कहते हैं ; ""
https://www.facebook.com/manasjilay/
https://www.realisticthinker.com/
Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thanks A Lot