""आत्मनिर्णय ""
"" स्वयं द्वारा की गई पहल जिसकी पूर्णाहुति विश्वास को सम्बल दे तो वह आत्मनिर्णय कहलाता है। "
"" दृढ़संकल्पित होने व उसकी सिद्धि हेतु खुद ब खुद उठे कदम ही आत्मनिर्णय कहलाते हैं। ""
"" मजबूत आत्मानुशासनात्मक तरीका जो स्वयं को साबित करे वही सही आत्मनिर्णय कहलाता है। ""
मानस के अंदाज में -
"" अ "" से अस्तित्व जहां व्यक्तित्व से ऊपर उठने लगे ,
वहाँ सही गलत ज्यादा वजूद में नहीं रहता है ;
"" त् "" से तार्किकता जहां जटिलता को सरल व स्पष्ट बनाती हो,
वहाँ रुढ़िवादी परम्परायें हमेशा ध्वस्त होती हैं ;
"" म "" से मौजूदगी जहां अपनों के बीच बनी रहती है,
वहाँ संस्कार व सभ्यता का तानाबाना काफी मजबूत रहता है ;
"" न "" से नापतौल जहां आचार विचार में शामिल होने लगे,
वहाँ व्यवहार के साथ विचारों की गुणवत्ता भी बढ़ने लगती है ;
"" र "" से रजामन्दी जहां दूसरों के साथ साथ अपनों से भी होती रहे,
वहाँ प्रेम व अपनापन यथार्थ में देखने को मिलता है ;
"" न "" से नवसर्जन जहां नई उम्मीदों के साथ हो,
वहाँ नवस्थापना के साथ नवसंचार होना लाजमी है ;
"" य "" से यात्रा जहां किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु की जाये,
वहाँ विश्वास का दृढ़ होना ज्यादा आश्चर्यचकित नहीं करता ;
"" वैसे विचारों में अस्तित्व की तार्किकता के साथ मौजूदगी, नापतौल के उपरांत रजामंदी भी बनने लगे,
वहाँ नवसृजन तक की पूरी यात्रा ही आत्मनिर्णय कहलाता है। ""
पूरा पढ़ने के लिए लिंक -
https://www.facebook.com/manasjilay/
https://www.realisticthinker.com/
मानस जिले सिंह 【 यथार्थवादी विचारक】
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