*""" पाठ्यक्रम """*
"" अधिकृत पुस्तक द्वारा विषयवस्तु का विधिवत व क्रमानुगत होने वाला पठन ही पाठ्यक्रम कहलाता है। ""
*"" पूर्व में अधिसूचित क्रमबद्ध विषयवस्तु जिसका किसी भी मान्यता प्राप्त पुस्तिका से अध्ययन हो तो वह पाठ्यक्रम कहलाता है। ""*
*वैसे मानस के अंदाज में -*
"" प "" से पठन जहां पाठक के अंदाज को बयां करता हो,
वहाँ पुस्तकों का चयन बड़े ही इत्मीनान से होता है ;
"" ठ "" से ठहराव जहां जीवन की प्रवृत्ति का हिस्सा बनता हो,
वहाँ जल्दबाजी में निर्णय होने की प्रबलता शून्य हो जाती है ;
"" य "' से युक्तियुक्त जहां कार्य करने की दक्षता में शामिल हो,
वहाँ कार्यकुशलता व निपुणता में चार चाँद लग जाते हैं ;
"" क "" से कर्म जहां मानवीय मूल्यों की सर्वोच्च पराकाष्ठा में दर्ज हो,
वहाँ ईमानदारी और सत्यता मिलकर व्यक्तित्व को निखार देते हैं ;
"" र "" से रति जहां किसी भी प्रवृत्ति से जब होने लगे तो,
वहाँ प्रेम की परिभाषा के मायने ही बदलने लगते हैं ;
"" म "" से मध्यांतर जहां कार्य की प्रगति में होने लगे तो,
वहाँ कार्यकुशलता व परिणाम का प्रभावित होना लाजमी है।
★★★ "" वैसे पठन जहां ठहराव के साथ युक्तियुक्त भी हो तो,
वहाँ कर्म में रति के साथ साथ गति में मध्यांतर होना ही "" *पाठ्यक्रम* "" कहलाता है। ""★★★
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मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
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