रविवार, 20 फ़रवरी 2022

"" झूठ तो ज़नाब झूठ ही होता है ""

"" झूठ तो ज़नाब झूठ ही होता है वह भला निष्पाप कहाँ होता है ""

"" असल में वास्तविकता को छुपाते हुये उसी सन्दर्भ में व्यवहार से निज लाभ का आधार ही झूठ होता है। ""

"" दूसरे से आचार विचार द्वारा हित साधना में अपने पक्ष की हकीकत पर पर्दा डालना ही झूठ है। ""

पूरे संसार में बिना स्वार्थ के कहाँ कुछ होता है -

★ कहीं झूठ सफेद तो कहीं ,
★ झूठ काला भी हो जाता हैं।

सबसे बड़ा झूठ तो 
"" इस संसार में निःस्वार्थ रहना। ""

◆ ◆ जहां पहले से स्वार्थ को जता दिया जाये  तो मानो कि आप छल से बच गये। ★★

"" सत्य की आस में ही छल की प्राप्ति होती है। "" 

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी - मानस पँथ
उद्देश्य - सामान्य ज्ञान को व्यवहारिकता के साथ रखने में सहायक सिद्ध होना।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks A Lot

Ravana Slaughter / रावण वध

"" रावण वध "" या  "" सुनियोजित अपने ही कुल का सामुहिक उद्धार "" या "" स्त्री के सम्मान हेत...

DECENT POST