"" प्रदर्शन ""
"" अपने क्रियाकलापों को सहजता से सार्वजनिक करने की कवायद ही प्रदर्शन कहलाता है। ""
"' आचार विचार किसी के समक्ष प्रस्तुतिकरण में कर्त्तव्यनिष्ठता का परिचय ही प्रदर्शन कहलाता है। ""
मानस के अंदाज में -
"" प "" से प्रत्यक्ष जहां होना विचारों रखने के लिए जरूरी हो,
वहाँ सरलता व सहजता के साथ विचारों को रखने में मदद मिलती है ;
"" र "" से रोजमर्रा जहां आदतों को कुछ हद तक बता दे,
वहाँ चरित्र का निर्माण / धूमिल होना आदत की श्रेणी पर निर्भर करता है ;
"" द "" से दम जहां अपने हुनर व बल का नेतृत्व करे,
वहाँ बहुत कुछ हद तक सार्मथ्य को जग जाहिर करवाता है ;
"" र "" से रस्मोरिवाज जहां सामाजिकता से परिचय करवाने लगे,
वहाँ पारिवारिक माहौल का बखूबी अंदाजा लग ही जाता है ;
"" श "' से शिष्टाचार जहां जीवनशैली में सिरमौर रहने लगे,
वहाँ सभ्यता के साथ विनम्रता का बेजोड़ मेल दिखने को मिलता है ;
"' न "' से नज़ारा जहां हर दिन खूबसूरत विचारों का ही बनने लगे,
वहाँ जीवन में एक बढ़कर एक अच्छे शुभचिंतक मिलने लाज़मी होते हैं ;
"" वैसे प्रत्यक्ष के साथ जहां रोजमर्रा में दम व रस्मोरिवाज भी देखने को मिले,
वहाँ शिष्टाचार भरा नजारा ही प्रदर्शन कहलाता है। ""
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Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】